Showing posts with label शत्रुहंता व रोगनिवारक स्तोत्रम. Show all posts
Showing posts with label शत्रुहंता व रोगनिवारक स्तोत्रम. Show all posts

Monday 6 April 2020

शत्रुहंता व रोगनिवारक स्तोत्रम

यह स्तोत्र सभी रोगों के निवारण में, शत्रुनाश, दूसरों के द्वारा किये गये पीड़ा कारक कृत्या अभिचार के निवारण, राज-बंधन विमोचन आदि कई प्रयोगों में काम आता है ।

विधिः- सरसों के तेल का दीपक जलाकर १०८ पाठ नित्य ४१ दिन तक करने पर सभी बाधाओं का शमन होकर अभीष्ट कार्य की सिद्धि होती है।